Editorials

लाहौर के दो हिस्से है

लोकतंत्र के लिए खतरे कि घंटी..

तालिबान को जनता का समर्थन नहीं

लोकसभा और राज्यसभा में इतना अंतर्विरोध क्यों

देश तोड़ने वालो से सावधान

इस्तीफे भाजपा में चल रहे नेतृत्व संघर्ष का आइना है

प्रधान मंत्री जी अभी भी वक्त है

कांग्रेस और भाजपा में कुछ तो फर्क हो

लोकतंत्र कि संभावित मौत..

अपने देश में लोकतंत्र बचाए रखे…

प्रधान मंत्री जी गौर कीजिये

जनता को सरकार पर नजर रखनी पड़ेगी

कांग्रेस के लिए आ गई परीक्षा कि घडी

पहले सौ दिनों पर टिकी है सरकार

सरकार को संवेदनशील होने कि जरुरत

बिजली पानी पर अब्ब भी चेत जाए

गेंद तो राजनितिक दलों के पाले में है

भरी पड़ेगा समलैंगिकता का विरोध न करना

कांग्रेस का नया मुश्लिम नेतृत्व

सरकार के साथ विपक्ष भी बने जिम्मेदार

मिलावट पर मिलनी ही चाहिए मौत कि सजा

भाजपा कि समझ से परे है बुनियादी सवाल

बड़े दलो का मुश्किल रास्ता

सोनवाने कि हत्या से उपजे सवाल

संसद को जनता के गुस्से से डरना चाहिए

यह संसद के चेतने का समय है

जेपीसी कि साख दांव पर है

सरकार को सोच-समझ कर फैसले करने चाहिए

देश का राजनीतिक ढांचा बचने कि जरुरत

बाबा रामसेव जी पहले इस को तो समझिये

युवाओ को सड़क पर उतरना होगा

भारत मैच जीता डिप्लोमेसी में हरा

लोकतंत्र के लिए लड़ाई खुद लड़नी चाहिए

देश पार्टी लाइन से ज्यादा महत्वपूर्ण है

गेंआंखे बंद करने से समस्या हल नहीं होती

सोने का नहीं जागते रहने का वक्त है

धीरे-धीरे पर्दा हट रहा है

हिटलर और मुसोलिनी की राह पर मत चलिए

जातिगत जनगणना क्यों उचित है

प्याज भी खाएं और जूते भी

उर्दू चौथी दुनिया निकालने का मकसद

अब संभलना बहुत जरूरी है

कश्मीर की तकलीफ समझिए

हिंदू सांप्रदायिक नहीं है

यह संसद और सर्वोच्च न्यायालय की परीक्षा है

कश्मीरियों का दिल जीतने की जरूरत

यह बिहार की जनता की अग्निपरीक्षा है

सत्ता की चाबी अगड़ी नहीं पिछड़ी जाति के पास है

सच्चा धर्म वही जो आगे बढ़ाएं

अब भ्रष्टाचार से लड़ने का समय आ गया है

बिहार पूरे देश को सबक दे

यह बिहार और विकास की जीत है

सुप्रीम कोर्ट के संकेत चिंता का विषय है

सुरेंद्र मोहन सच्चे समाजवादी थे